“चाँद जलने लगा” | love story in hindi |
यह एक आशीष नाम के लड़के की कहानी है।आशीष एक साधारण और मेहनती आदमी था, जो अपनी पत्नी सुभद्रा, माता-पिता और बहन के साथ रहता था। उसकी जिंदगी सरल और संतोषजनक थी। आशीष एक सरकारी नौकरी में कार्यरत था और उसका परिवार उसकी ज़िंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा था। सुभद्रा एक समझदार और प्रेममयी पत्नी थी, जो हर संभव तरीके से आशीष का ख्याल रखती थी। लेकिन आशीष की ज़िंदगी में एक नया मोड़ तब आया, जब उसके ऑफिस में एक नई लड़की ने ज्वॉइन किया, जिसका नाम रोमिला था। |”चाँद जलने लगा” | love story in hindi |
रोमिला और आशीष ने एक साथ काम करना शुरू किया और जल्द ही उनकी दोस्ती गहरी हो गई। वे हर दिन बहुत सारी बातें करते और साथ में लंच करते। रोमिला का व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षक था, और उसकी हंसी आशीष के दिल को छू जाती थी। आशीष अक्सर ऑफिस के बाद घर आने पर कहता था कि वह दोस्तों से मिलने जा रहा है, लेकिन वह पार्क में जाकर रोमिला से घंटों बातें करता था।
धीरे-धीरे, रोमिला और आशीष के बीच की दोस्ती प्यार में बदल गई। एक दिन, रोमिला ने आशीष से अपने प्यार का इजहार किया। आशीष ने भी कबूल किया कि वह भी उससे प्यार करता है, लेकिन उसने यह भी कहा कि वह पहले से शादीशुदा है। यह सुनकर रोमिला बहुत दुखी हुई और उसने दो-तीन दिन आशीष से बात नहीं की। लेकिन कुछ दिनों बाद, रोमिला ने आशीष से कहा कि उसे कोई आपत्ति नहीं है कि उसकी शादी हो चुकी है। यह सुनकर आशीष खुश हुआ और सोचने लगा कि वह अपने परिवार को कैसे मनाएगा। |”चाँद जलने लगा” | love story in hindi |
आशीष ने घर आकर सबसे पहले अपनी पत्नी सुभद्रा को बताया कि वह दूसरी शादी करने वाला है। यह सुनकर सुभद्रा जोर-जोर से चिल्लाने लगी और रो-रोकर पूछने लगी कि उसने क्या गलती की है, क्या वह उसकी देखभाल नहीं करती। सुभद्रा का रोना सुनकर सब घर वाले इकट्ठा हो गए और उसने सबको आशीष की बात बता दी। आशीष के माता-पिता भी उससे बहुत नाराज हुए और उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन आशीष ने किसी की नहीं सुनी और रोमिला से शादी कर ली। |”चाँद जलने लगा” | love story in hindi |
शादी के बाद, आशीष रोमिला को घर ले आया और सबको धमकी दी कि अगर किसी ने उसे कुछ भी कहा तो वह उन्हें छोड़ देगा। सुभद्रा ने आशीष से बात करना बंद कर दिया और अकेली रहने लगी। घर का माहौल बहुत तनावपूर्ण हो गया था। आशीष का ध्यान अब केवल रोमिला पर केंद्रित था, जबकि सुभद्रा खुद को एक कोने में महसूस कर रही थी।
कुछ दिन बाद, सुभद्रा को दिल का दौरा पड़ा और वह दुनिया से चल बसी। यह घटना आशीष के जीवन को हिला कर रख देने वाली थी। उसकी मां और बहन ने उसे बहुत कोसा, लेकिन अब कुछ भी नहीं बदला जा सकता था। आशीष ने महसूस किया कि उसकी गलती ने एक मासूम जिंदगी को खत्म कर दिया और वह गहरे दुख में डूब गया। रोमिला ने उसे सांत्वना देने की कोशिश की, लेकिन आशीष के मन में गहरा पछतावा और गिल्ट था। वह जानता था कि सुभद्रा उससे बहुत प्यार करती थी और उसने उसके साथ विश्वासघात किया था।
आशीष ने अपने किए की सजा के रूप में खुद को सामाजिक और मानसिक रूप से अलग-थलग कर लिया। उसने अपने परिवार से माफी मांगी, लेकिन उसका दिल टूट चुका था और वह अब किसी के साथ अपने दर्द को साझा नहीं कर पाता था। उसने नौकरी छोड़ दी और समाज से दूर एकांत में रहने लगा। वह हर दिन सुभद्रा की याद में तड़पता रहा। |”चाँद जलने लगा” | love story in hindi |
समय बीतता गया, लेकिन आशीष का दुख कम नहीं हुआ। उसने खुद को किताबों में और समाज सेवा में व्यस्त कर लिया, ताकि वह अपने गिल्ट से छुटकारा पा सके। उसने एक ट्रस्ट शुरू किया, जहां वह महिलाओं और बच्चों की मदद करता था। इस काम ने उसे थोड़ी राहत दी, लेकिन सुभद्रा की यादें उसे हमेशा तंग करती रहीं।
रोमिला ने भी महसूस किया कि आशीष के साथ रहना अब आसान नहीं था। आशीष का गिल्ट और दुख उनके रिश्ते पर भारी पड़ रहा था। धीरे-धीरे, रोमिला ने भी आशीष से दूरी बना ली और वापस अपने परिवार के पास लौट गई।
आशीष अब अकेला था, लेकिन उसने अपने जीवन को दूसरों की सेवा में लगा दिया। उसने अपने अनुभवों से सीखा कि प्यार और रिश्तों में ईमानदारी और सम्मान बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। अपने निजी सुख के लिए किसी और की जिंदगी को तबाह करना सही नहीं है।
आशीष की कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में हमें अपने फैसलों के प्रति सतर्क और जिम्मेदार रहना चाहिए। अपने कर्मों के परिणामों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। सच्चा प्यार कभी भी किसी को दुख नहीं पहुंचाता, और जब हम किसी को सच्चे दिल से प्यार करते हैं, तो हमें उसके साथ ईमानदार और वफादार रहना चाहिए। |”चाँद जलने लगा” | love story in hindi |
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ओंकार रॉय.
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