“अधूरे प्यार की कहानी” | Adhure pyar ki kahani | एक दर्द भरी कहानी | 🥹🥀💔
एक ऐसी कहानी जिसे पढ़ने के बाद आपको पता चलेगा कि कुछ पाने के चक्कर में कुछ खो भी जाता है। कार्तिक और स्नेहा की कहानी एक छोटे से कॉलेज के गलियारों में शुरू होती है। पहले दिन जब कार्तिक ने कॉलेज के गेट से कदम रखा, उसकी नज़र स्नेहा पर पड़ी जो अपनी सहेलियों के साथ हंसते हुए खड़ी थी। उसकी मुस्कान ने कार्तिक के दिल में हलचल मचा दी। धीरे-धीरे उनकी दोस्ती गहरी होती गई।
स्नेहा एक खुशमिजाज और चंचल लड़की थी, जबकि कार्तिक शांत और गंभीर स्वभाव का था। दोनों एक-दूसरे के पूरक थे और यही बात उनके रिश्ते को खास बनाती थी। हर सुबह कॉलेज आने के बाद कार्तिक का सबसे पहला काम स्नेहा को ढूंढ़ना होता था। दोनों साथ में क्लास अटेंड करते, कैंटीन में चाय पीते और लाइब्रेरी में साथ पढ़ाई करते। उनके दोस्तों को भी उनकी जोड़ी बहुत पसंद थी और वे अक्सर उन्हें छेड़ते रहते थे।
समय के साथ, यह दोस्ती एक गहरे प्यार में बदल गई। कार्तिक और स्नेहा ने एक-दूसरे के साथ अपने सारे सपने देखे थे। वे सोचते थे कि उनकी यह प्यार भरी कहानी कभी खत्म नहीं होगी। दोनों ने एक-दूसरे के साथ भविष्य की कई योजनाएं बनाई थीं, जैसे एक साथ नौकरी करना, एक सुंदर घर खरीदना और हमेशा एक-दूसरे के साथ रहना। उनकी जिंदगी एक सपने जैसी लगती थी। |अधूरे प्यार की कहानी | Adhure pyar ki kahani |
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था। एक दिन कार्तिक की बड़ी बहन का अचानक एक अपघात हो गया और उसकी मृत्यु हो गई। कार्तिक की बड़ी बहन ही घर चलाती थी, और अब सारी जिम्मेदारियाँ कार्तिक पर आ गईं। उसे तुरंत अपने शहर लौटना पड़ा। कार्तिक ने स्नेहा से वादा किया था कि वह जल्दी ही वापस आएगा और फिर कभी उससे दूर नहीं जाएगा। स्नेहा ने भी कार्तिक के इंतजार का वादा किया। दोनों ने एक-दूसरे को अपने प्यार भरे खतों के जरिए हिम्मत दी।
शुरुआत में सब कुछ ठीक चला। कार्तिक और स्नेहा एक-दूसरे को रोज फोन करते, वीडियो कॉल पर बात करते और अपने दिल की हर बात साझा करते। लेकिन धीरे-धीरे कार्तिक के परिवार की जिम्मेदारियों ने उसे इतना व्यस्त कर दिया कि उसके पास स्नेहा के लिए समय कम होने लगा। स्नेहा ने बहुत दिनों तक कार्तिक का इंतजार किया, लेकिन धीरे-धीरे उसकी उम्मीदें टूटने लगीं।
इसी बीच, स्नेहा के घरवालों ने उसकी शादी के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। स्नेहा ने कार्तिक का इंतजार करते हुए अपने दिल की बात घरवालों को बताई, लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने स्नेहा को समझाया कि कार्तिक अब वापस नहीं आएगा और उसे अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहिए। स्नेहा ने अपने परिवार की मर्यादा का ख्याल रखते हुए शादी के लिए हाँ कर दी।
स्नेहा की शादी की तैयारियां शुरू हो गईं। उसके दिल में कार्तिक के लिए प्यार था, लेकिन वह अपने परिवार की खुशी के लिए यह बलिदान देने को तैयार हो गई। उसने कार्तिक को आखिरी खत लिखा जिसमें उसने अपने दिल की हालत बयान की और हमेशा उसे प्यार करने का वादा किया। कार्तिक को जब यह खबर मिली, उसका दिल टूट गया। उसने स्नेहा को फोन करने की कोशिश की, लेकिन स्नेहा ने उसका फोन नहीं उठाया। |अधूरे प्यार की कहानी | Adhure pyar ki kahani |
कार्तिक के पास अब सिर्फ स्नेहा की यादें और वह आखिरी खत था। वह वापस आया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। स्नेहा की शादी हो चुकी थी और वह अपनी नई जिंदगी में कदम रख चुकी थी। कार्तिक ने स्नेहा को उसकी खुशी के साथ छोड़ दिया और खुद को उसकी यादों में समेट लिया।
कार्तिक ने अपनी जिंदगी में फिर कभी किसी और को इतनी गहराई से प्यार नहीं किया। उसने अपने आप को काम में डुबा लिया, लेकिन उसके दिल में स्नेहा की यादें हमेशा जिंदा रहीं। स्नेहा भी अपनी नई जिंदगी में खुश रहने की कोशिश करती रही, लेकिन उसके दिल में कार्तिक की यादें हमेशा ताजा रहीं।
इस अधूरी मोहब्बत की कहानी हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी प्यार अधूरा रह जाता है, लेकिन उसकी मिठास और दर्द हमेशा दिल में बसा रहता है। कार्तिक और स्नेहा अपनी-अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गए, लेकिन उनके दिलों में एक-दूसरे के लिए जो प्यार था, वह कभी खत्म नहीं हुआ। यह कहानी उन सभी लोगों के लिए है जिन्होंने कभी किसी से सच्चा प्यार किया और उसे खो दिया। प्यार की यह अधूरी कहानी हमें यह भी सिखाती है कि कभी-कभी हम अपनी खुशियों से बढ़कर अपने परिवार और समाज की मर्यादाओं का ख्याल रखते हैं, भले ही हमें खुद कितनी भी तकलीफ क्यों न हो। |अधूरे प्यार की कहानी | Adhure pyar ki kahani |
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ओंकार रॉय.
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