Pyar Mein Dhokha | “प्यार में धोखा” 💔|एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी |❤️🔥🥹😭❤️🔥
आपने भाग एक में देखा कि कैसे रोहन और मीनाक्षी एक-दूसरे के करीब आए और उनके बीच बहुत कुछ हुआ। लेकिन अंत में, मीनाक्षी ने रोहन को बताया कि उसकी इंगेजमेंट हो गई है। चलिए, आगे देखते हैं कि रोहन अब क्या करता है और उसे यह सुनकर कैसा लगता है।
उसने कहा कि जब मैं लड़के देखने गई थी, तब एक लड़के को मैं पसंद आ गई, और वह लड़का मेरे मम्मी-पापा को भी बहुत पसंद आया। मैं उन्हें मना नहीं कर पाई, और मेरी इंगेजमेंट भी हो गई। मैंने तुमसे झूठ कहा था कि मेरी बुआ की लड़की की इंगेजमेंट थी, लेकिन ऐसा नहीं था।
वह मेरी इंगेजमेंट थी, और अगले हफ्ते मेरे एग्जाम खत्म होने के बाद मेरी शादी है। मैं बस सुन रहा था और ऐसा दिखा रहा था जैसे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, पर मेरी आँखों के आँसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। और रुकते भी क्यों, जिसे मैंने अपने आप से भी ज्यादा प्यार किया, वह आज मुझे अपनी इंगेजमेंट और शादी की बातें बता रही थी, और मैं चुपचाप सुन रहा था। | pyar mein dhokha | प्यार में धोखा |
उसने कहा, “तुम मुझे भूल जाओ और हमारे बीच जो कुछ भी हुआ है, उसे भी भूल जाओ। मैं अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुकी हूँ, और तुम भी अपनी जिंदगी में आगे बढ़ो।” तब मैं मीनाक्षी से रोते हुए कह रहा था, “मुझे छोड़कर मत जाओ, मैं तुम्हारे बिना कैसे जीऊँगा। मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता, तुम मेरे लिए सिर्फ एक दोस्त नहीं हो।
अब हमारा रिश्ता एक पति-पत्नी का हो गया है। तुमने ही तो मुझसे कहा था कि हमने फेरे लिए और मैंने तुम्हें अपने हाथों से मंगलसूत्र पहनाया, और हमारे बीच बहुत कुछ हो चुका है। उसका मुझे जवाब दो। ये सब क्या था? क्या वह एक टाइमपास था या धोखा? बोलो, मैं उसे क्या समझूँ?”
तब उसने कहा, “हमारे बीच जो कुछ था, वह बहुत खास था। हम एक-दूसरे से प्यार करते थे, लेकिन मैं अपने घरवालों के खिलाफ नहीं जा सकती। वे मुझे बहुत प्यार करते हैं, और मैं अपने मम्मी-पापा का दिल नहीं दुखा सकती। | pyar mein dhokha | प्यार में धोखा |
अगर मैंने तुम्हारे साथ शादी की, तो मेरे मम्मी-पापा मुझसे कभी बात नहीं करेंगे। और अगर उन्होंने मुझसे बात नहीं की, तो मैं तुम्हारे साथ कभी खुश नहीं रह सकती। प्लीज, मुझे समझने की कोशिश करो। मैं चाहकर भी तुमसे शादी नहीं कर सकती। मुझे तुम पर भरोसा है कि तुम मेरी स्थिति जरूर समझोगे, समझोगे ना?”
मैंने भी अपने दिल पर पत्थर रखकर कहा, “हाँ, मैं तुम्हारे साथ हूँ। तुम जैसा कहोगी, मैं वैसा ही करूंगा।” मीनाक्षी कुछ देर रुकने के बाद पार्क से निकल गई, और मैं पूरा दिन वहीं बैठा रहा। मेरी आत्मा पूरी तरह मर गई थी। मैं पूरे दिन वहाँ बैठकर हमारी पुरानी यादों में खो गया।
मैंने उसके साथ बिताए हुए हर एक पल को याद किया। मुझे कभी नहीं लगा था कि मीनाक्षी मुझे छोड़कर चली जाएगी, लेकिन आज जो कभी सोचा नहीं था, वह हकीकत बन रहा था। पर मैं चाहकर भी उसे रोक नहीं पा रहा था। मैं उसे खोना नहीं चाहता था।
मैंने उसके साथ पूरी जिंदगी भर साथ रहने का सपना देखा था। लोग कहते हैं न कि सपने कभी सच नहीं होते, वे सच कहते हैं। मेरा सपना भी सच नहीं हुआ। मुझे नहीं पता कि आगे की जिंदगी में उसके बिना कैसे जीऊँगा। मुझे वही चाहिए थी। यह सोचते-सोचते मैं वहीं बेहोश हो गया, क्योंकि मैंने दिन भर कुछ नहीं खाया था। | pyar mein dhokha | प्यार में धोखा |
वहाँ कुछ लोग थे, उन्होंने मेरे चेहरे पर पानी डाला और मुझे पानी पिलाया। फिर मैं धीरे-धीरे पैदल अपने रूम पर आया। आते ही मैंने रूम का दरवाजा लॉक किया और रोते-रोते सो गया। अगले एक हफ्ते तक मैं रूम से बाहर नहीं निकला। लेकिन मुझे चैन नहीं मिला, इसलिए मैं उसके रूम पर गया और उसकी दोस्त से पूछा, तो उसने बताया, “दो दिन हो गए हैं,
वह गाँव चली गई है, और वह किसी का कॉल भी नहीं उठा रही।” तब मैंने कहा, “मैंने भी उसे बहुत कॉल किए, पर उसने मुझे ब्लॉक कर दिया। मुझे लगा था कि वह यहाँ होगी। क्या उसने मेरे बारे में कुछ पूछा?” उसकी दोस्त ने कहा, “नहीं, उसने कुछ भी नहीं कहा।” | pyar mein dhokha | प्यार में धोखा |
मैं वहाँ से उस पार्क में जाकर बैठ गया, जहाँ मैं और मीनाक्षी आखिरी बार मिले थे। मैं वहाँ बहुत देर तक बैठा रहा और पागल मन में सोच रहा था कि वह भी थोड़ी देर में मुझे मिलने के लिए आएगी, और हम बहुत सारी बातें करेंगे। वह बोलेगी, “मुझे उस लड़के से शादी नहीं करनी, मैं तुमसे शादी करना चाहती हूँ।” और हम दोनों शादी करेंगे। | pyar mein dhokha | प्यार में धोखा |
लेकिन ऐसा थोड़ी होता है। ये कोई मूवी या ड्रामा नहीं था। यह तो मेरे जीवन का सच था, जिसे मैं स्वीकारना नहीं चाहता था। और क्यों स्वीकारूँ, उसने मुझसे इतने अच्छे-अच्छे वादे जो किए थे। तीन हफ्ते बाद उसके दोस्त ने मुझे बताया कि उसकी शादी हो गई है। तुम उसे भूल जाओ, वह अब किसी और की हो गई है।
तब मैंने उससे कहा, “तुम झूठ बोल रही हो, ऐसा नहीं हो सकता।” और यह कहते ही उसने अपनी शादी की तस्वीरें मुझे दिखाई। मैंने वह सारी तस्वीरें बार-बार देखीं। मीनाक्षी बहुत खुश थी। उसकी एक भी ऐसी तस्वीर नहीं थी जिसमें वह मायूस दिख रही हो। मुझे ऐसा लगा कि उसे मुझे खोने का कोई गम नहीं था। मुझे यह समझ नहीं आ रहा था कि वह मुझे इतनी जल्दी कैसे भूल सकती है।
मीनाक्षी तो मुझे कहती थी कि, “तुम मेरे लिए बहुत खास हो। अगर मैं तुम्हारे साथ एक दिन भी बात न करूं, तो मेरा किसी चीज में मन नहीं लगता। और मैं तुम्हें कभी खोना नहीं चाहती।” फिर यह क्या था? उसने मेरे साथ जो कहा वह सिर्फ एक झूठ था या धोखा? मुझे नहीं पता वह क्या था। वह सच्ची थी या झूठी थी? मैं बार-बार अपने दिल और दिमाग से पूछता कि वह क्या थी, और हर बार मेरे दिल ने कहा कि वह सच्ची थी।
लेकिन मेरे दिमाग ने कहा कि वह कभी तेरी नहीं थी। उसे सिर्फ तेरे साथ रातें गुजारनी थीं। पर मैंने कभी अपने दिमाग की नहीं सुनी, मैं उसके बारे में सिर्फ दिल से सोचता था। पर कुछ महीने बाद मुझे एक और झटका लगा, और तब पता चला कि मैं कितना बड़ा बेवकूफ था।
मैंने उसकी दोस्त से कहा था कि उसने मुझे ब्लॉक किया है, मुझे उसकी तस्वीरें भेजती रहना। तब उसने मुझसे कहा था कि, “उसकी तस्वीरें देखकर तुम और अपने आप को तकलीफ दोगे।” तब मैंने कहा था, “उसके साथ जिंदगी नहीं जी सका तो क्या हुआ, उसकी तस्वीरें देखकर जी लूंगा।” तब से उसकी दोस्त मुझे उसकी तस्वीरें भेजती थी। | pyar mein dhokha | प्यार में धोखा |
एक दिन उसने मुझे ऐसी तस्वीर भेजी, उस तस्वीर में मीनाक्षी, उसकी माँ और उसकी बहन और बहन का पति था, और जो मैंने उसे सोने की चेन दी थी, वह उसके गले में नहीं थी। वह चेन उसकी माँ के गले में थी।
जब मैंने उस चेन को उसकी माँ के गले में देखा, तो मुझे बहुत बुरा लगा। मेरी पुरानी यादें ताजा हो गईं। उसने उसे मंगलसूत्र कहा था, और अब वही हमारे प्यार की निशानी उसकी माँ के गले में है। मैंने गुस्से में आकर अपने दोस्त के नंबर से मीनाक्षी को कॉल किया और उसे बहुत कुछ सुनाया। | pyar mein dhokha | प्यार में धोखा | Love story |
मैंने कहा, “तुम वह चेन अपने गले में नहीं पहन सकती थी, तो तुम उसे किसी लॉकर में भी रख सकती थी न! पर तुमने ऐसा नहीं किया, तुमने हमारे प्यार की आखिरी निशानी अपनी माँ को दे डाली। अगर तुम सच में मुझसे प्यार करती होती, तो तुम मेरी दी हुई चीजें संभालकर रखती।”
पर तुमने ऐसा नहीं किया। तब मैंने कहा, “हम जबसे मिले हैं, तब से लेकर आज तक मैंने तुम्हारी हर एक चीज संभालकर रखी है। मैंने तुम्हारी पेंसिल, पेन, नोटबुक, चॉकलेट रैपर और तुम्हारा क्लचर भी रखा है। मीनाक्षी, तुम्हें याद है? स्कूल के टाइम तुम्हें अपने बाल खुले छोड़ने थे, तब तुमने मुझे तुम्हारा क्लचर दिया था, और कहा था कि मेरे बैग में रखो, बाद में देना।
तब हम दोनों को बातों-बातों में याद नहीं रहा, और हम अपने-अपने घर चले गए। और तुम उस दिन के बाद कई दिनों तक स्कूल नहीं आई थी, क्योंकि तुम बीमार पड़ गई थी। मैंने तुम्हें बाद में बताया नहीं, पर तुम्हारा क्लचर मेरे पास है। मैंने उसे संभालकर रखा, और आज भी तुम्हारी सारी चीजें मेरे पास वैसे ही हैं।”
पर तुमने हमारे प्यार की निशानी अपनी माँ को दे डाली। तुमने एक बार भी नहीं सोचा कि मुझे कैसा लगेगा। तब मीनाक्षी मुझ पर ही भड़क गई और कहने लगी, “मैं तुम्हारी चेन तुम्हें वापस दूंगी। मुझे नहीं चाहिए तुम्हारी चेन। कल मेरी दोस्त तुम्हारे घर आएगी, और मैं उसके पास तुम्हारी चेन दूंगी। | pyar mein dhokha | प्यार में धोखा |
तुम आज के बाद मुझे कॉल मत करना। और तुम्हें मैं बताती हूँ कि हमारे बीच जो कुछ भी हुआ, वह एक हादसा था। मुझे नहीं पता था कि तुम एक पागल लड़के हो। अगर मुझे पता होता, तो मैंने तुम्हें पहले ही छोड़ दिया होता। और अगर तुमने मुझे फिर से कॉल किया, तो मैं तुम पर केस करूंगी।” यह कहकर उसने कॉल रख दिया। तब मुझे बहुत बुरा लगा, और मैंने खुद को ही दोष दिया।
एक दिन मैं मीनाक्षी की दोस्त के पास गया और उसे कॉल पर हमारे बीच हुई सभी बातें बता दीं। मैं उसके सामने रो रहा था और मैंने उससे पूछा, “क्या मैंने कुछ गलत कहा? मुझे बताओ, मैं क्या करूं कि वह मुझसे नफरत न करे?” तब मीनाक्षी की दोस्त ने कहा, “मैं तुम्हें एक सच्चाई बताना चाहती हूं, पर तुम सचाई सुनकर कोई उल्टा-सीधा काम मत करना।” मैंने उससे वादा किया कि मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगा।
तब मीनाक्षी की दोस्त ने मुझे बताया, “मीनाक्षी ने कभी तुमसे प्यार नहीं किया। वह सिर्फ अपनी कॉलेज लाइफ को अच्छे से इंजॉय करना चाहती थी। एक दिन मैंने उससे पूछा था, ‘मीनाक्षी, तुम रोहन से सच में प्यार करती हो?’ तब मीनाक्षी ने खुद मुझसे कहा था, ‘नहीं, मैं रोहन से प्यार नहीं करती, पर रोहन मुझसे प्यार करता है। | pyar mein dhokha | प्यार में धोखा |
मुझे अच्छा लगता है कि वह मेरे लिए तड़पता है।’ मैंने मीनाक्षी से यह भी कहा था कि ‘मुझे लगता है, रोहन तुमसे इतना प्यार करता है कि वह तुमसे शादी भी करना चाहता होगा।’ मीनाक्षी ने मुझे बताया, ‘हाँ, उसने मुझसे कई बार शादी के बारे में पूछा है, पर मैंने उसे हर बार कहा है कि मेरे घर वाले कभी नहीं मानेंगे।’ लेकिन सच तो यह है कि उसके मम्मी-पापा उसकी हर बात मानते हैं।
उन्होंने मीनाक्षी से कहा था, ‘कोई लड़का पसंद आए तो हमें बताना, हम तुम्हारी शादी धूमधाम से करवा देंगे।’ पर मीनाक्षी ने अपने मम्मी-पापा से कहा कि आप ही मेरे लिए एक अच्छा लड़का ढूंढ निकालो। तुम्हें पता है, उसे कैसा लड़का पसंद था? उसे एक पैसे वाला लड़का चाहिए था, जिसका घर बड़ा हो, जिसके घर नौकर हों, ताकि उसे कोई काम न करना पड़े।
और ऐसा ही हुआ, उसे एक अच्छे घर का रिश्ता मिला और उसने उसकी प्रॉपर्टी देखकर हाँ कर दी। फिर उसने तुम्हें कहा कि ‘मेरे घरवालों ने मेरी सगाई कर दी, रोहन तुम उसे भूल जाओ। मीनाक्षी तुम्हारे प्यार के काबिल कभी नहीं थी। तुम जियो या मरो, उसे तुम्हारे बारे में कोई फर्क नहीं पड़ता। इसलिए मेरी बात मानो और अपने करियर पर ध्यान दो और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ो।'” | pyar mein dhokha | प्यार में धोखा |
मैंने मीनाक्षी की दोस्त से कुछ नहीं कहा और वहां से निकल आया। मीनाक्षी की दोस्त ने जो बातें बताई थीं, वे मुझे झूठी लगीं, पर वे मुझे सोने नहीं दे रही थीं। मैंने कुछ दिन जाने दिया, पर मेरा मन विचलित था। फिर मैंने फैसला किया कि मैं मीनाक्षी को आखिरी बार कॉल करूंगा। मैंने उसे कॉल किया और कहा, “मुझे तुमसे कुछ सवाल करने हैं।
अगर तुमने मुझे सच्चाई बताई, तो मैं तुम्हें कभी कॉल नहीं करूंगा।” उसने कहा, “पूछो जो पूछना है।” तब मैंने उसकी दोस्त से सुनी सारी बातें मीनाक्षी से कह दीं और पूछा, “क्या यह सच है?” पहले उसने बताने से इनकार किया, पर बाद में उसने मुझे बताया, “हाँ, मैं तुमसे प्यार करती थी, पर मैं तुमसे कभी शादी नहीं करना चाहती थी, क्योंकि तुम कुछ कमाते नहीं थे।
इसलिए मैंने कभी तुमसे शादी करने के बारे में सोचा नहीं था। मुझे उम्मीद है कि अब तुम अच्छी तरह से समझ चुके हो। अब इसके बाद मुझे कॉल करने के बारे में सोचना भी मत।” यह कहकर मीनाक्षी ने कॉल रख दी। | pyar mein dhokha | प्यार में धोखा |
तब मुझे पता चला कि जिस लड़की से मैं प्यार करता था, वह मेरे साथ सिर्फ टाइम पास कर रही थी। अब मुझे समझ आया कि मैं ही पागल था, क्योंकि वह तो पहले दिन से शादी की बात पर मुझे इनकार करती थी, पर मेरी आँखों की पट्टी के कारण मुझे यह दिखाई नहीं दे रहा था।
मैं उसके प्यार में पूरी तरह से अंधा हो गया था और उससे प्यार की भीख मांग रहा था। पर उस दिन के बाद मैंने न उसे कभी कॉल किया, न मैसेज किया। मैंने अपने फोन से उसका नंबर डिलीट कर दिया था। अब इस घटना को दो साल हो गए हैं और अब मैं अच्छा महसूस करता हूं। पर ब्रेकअप के बाद का जो समय था, वह बहुत दर्दनाक था।
अब मैं एक शांतिपूर्ण जिंदगी जी रहा हूं। मेरी एक अच्छी कंपनी में नौकरी भी लग गई है और इस कारण मेरा परिवार भी मुझसे खुश है। अब मैं लोगों को भी अच्छे से पहचानने लगा हूं। यह कहानी यहीं समाप्त होती है। मैं, रोहन, आपको धन्यवाद कहता हूं कि आपने मेरी इस कहानी को पूरा पढ़ा, और मैं आपको आपके अच्छे जीवन के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
चेतावनी:
आप भी अपने जीवन में किसी से दिल से प्यार करते होंगे, पर मैं आपको बताना चाहता हूं कि आप मेरी जैसी गलती न करें। अपने पार्टनर को अच्छे से जानें, और अगर आपको ऐसा लगे कि आपका पार्टनर आपको धोखा दे रहा है या कुछ छुपा रहा है, तो आप सच्चाई जानने की पूरी कोशिश करें। अगर आपको पता चलता है कि आपके पार्टनर ने आपको धोखा दिया है, तो आप भी अपने दिल पर पत्थर रखकर उसे छोड़ देना ही आपके भविष्य के लिए सही होगा। | pyar mein dhokha | प्यार में धोखा | [ भाग 1]
नमस्ते! मेरा नाम ओंकार है, और मैं एक भावुक ब्लॉगर और लेखक हूँ, बचपन से ही किताबों और कहानियों के प्रति मेरा गहरा लगाव रहा है, इन्हीं कहानियों ने मुझे इस दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी,
मेरे ब्लॉग का मुख्य उद्देश्य अपने पाठकों को मनोरंजन के साथ साथ प्रेरणा देना है, मैं मानता हूँ कि कहानियाँ न केवल हमें सोचने पर मजबूर करती हैं, बल्कि हमें एक नई दृष्टि और उम्मीद भी देती हैं, इसलिए मेरे ब्लॉग पर आपको विभिन्न विषयों पर आधारित कहानियाँ, प्रेरक लेख और जीवन के विविध पहलुओं को छूती हुई पोस्ट्स मिलेंगी.
मेरा मानना है कि लेखन एक ऐसा माध्यम है जिससे हम अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को दूसरों तक पहुँचा सकते हैं, मेरी लेखनी का हर अक्षर मेरी भावनाओं और सोच का प्रतिबिंब है, मेरे लिए लिखना एक यात्रा है, एक सपनों का सफर जिसे मैं अपने पाठकों के साथ साझा करना चाहता हूँ.
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ओंकार .