jigra story: jigra tere pyar ka
शाम का वक्त था, सूरज अपने आखिरी किरणों को अलविदा कह रहा था, नीला आसमान धीरे धीरे सुनहरी और गुलाबी रंगों में बदल रहा था, वहीं, एक छोटे से गांव में, खुले मैदान के बीच में, एक लड़का बैठा था अर्जुन। उसकी आँखों में दर्द, दिल में प्रेम और दिमाग में एक ही नाम गूंज रहा था राधिका।
अर्जुन और राधिका बचपन से एक दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त थे, गांव की मिट्टी में खेलते, पेड़ की छांव में पढ़ते, नदी के किनारे सपने बुनते दोनों ने अपना बचपन साथ गुजारा था। लेकिन जैसे जैसे उम्र बढ़ती गई, दोस्ती धीरे धीरे प्रेम में बदल गई। अर्जुन के लिए राधिका सिर्फ एक दोस्त नहीं थी, वह उसकी जिंदगी थी, उसका सपना थी।
राधिका एक खूबसूरत, समझदार और स्वतंत्र विचारों वाली लड़की थी, उसके दिल में भी अर्जुन के लिए एक खास जगह थी, लेकिन उसने कभी खुलकर अपने प्यार का इज़हार नहीं किया। वह अपने परिवार की जिम्मेदारियों से बंधी हुई थी। उसके पिता, जो गांव के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित परिवारों में से थे, ने उसकी शादी शहर के एक बड़े उद्योगपति के बेटे से तय कर दी थी। राधिका ने इस शादी को मना करने की हिम्मत कभी नहीं दिखाई, क्योंकि वह अपने पिता के खिलाफ नहीं जा सकती थी।
अर्जुन को जब इस बात का पता चला, तो उसके दिल में एक तूफान उठ गया, वह अपने प्यार को खोने की कल्पना भी नहीं कर सकता था। उसने राधिका से मिलने का फैसला किया। वह उसे बताना चाहता था कि वह उससे कितना प्यार करता है, कि वह उसके बिना नहीं रह सकता। | jigra story: jigra tere pyar ka |
राधिका ने अर्जुन की बातों को सुना, लेकिन उसकी आँखों में आँसू भर आए, अर्जुन, उसने धीरे से कहा, मुझे पता है कि तुम मुझसे कितना प्यार करते हो, और सच कहूं, मैं भी तुम्हारे बिना अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकती। लेकिन मेरे पिता ने मेरे लिए जो फैसला लिया है, मैं उसे बदल नहीं सकती। मुझे उनसे प्यार है, और मैं उनके खिलाफ नहीं जा सकती।
अर्जुन के दिल में जैसे खंजर चल गया, तो क्या तुम अपने प्यार को यूं ही छोड़ दोगी? उसने गुस्से और दर्द से पूछा।
राधिका ने उसकी ओर देखा और बोली, यह प्यार नहीं है, अर्जुन, यह हमारी जिम्मेदारी है। मैं नहीं चाहती कि हमारे प्यार की वजह से किसी का दिल टूटे, खासकर मेरे पिता का।
अर्जुन ने उस रात बहुत सोच विचार किया, वह जानता था कि अगर राधिका उससे दूर चली जाएगी, तो वह कभी भी खुश नहीं रह पाएगा, लेकिन वह यह भी जानता था कि वह उसे जबरदस्ती अपने पास नहीं रख सकता। प्यार में जबरदस्ती नहीं होती, प्यार त्याग और बलिदान मांगता है।
अर्जुन ने खुद से एक वादा किया वह राधिका को उसकी मर्जी के बिना नहीं रोकने वाला था, लेकिन वह उसे अपने प्यार का अहसास जरूर कराएगा। उसे पता था कि अगर उसका प्यार सच्चा है, तो राधिका एक दिन वापस उसी के पास आएगी। उसे अपने दिल में इस विश्वास को मजबूत रखना था | jigra story: jigra tere pyar ka |
शादी की तैयारियाँ शुरू हो चुकी थीं। राधिका का घर सजाया जा रहा था, रिश्तेदार आ रहे थे, और हर जगह खुशियाँ बिखरी हुई थीं। लेकिन अर्जुन के दिल में एक अलग ही हलचल थी। वह दूर से यह सब देख रहा था, और उसकी आँखों में एक उम्मीद की किरण थी।
शादी से एक दिन पहले, राधिका ने अर्जुन को अपने गांव के पास वाले मंदिर में मिलने के लिए बुलाया, अर्जुन समय से पहले वहाँ पहुँच गया। उसकी धड़कनें तेज़ हो रही थीं, दिल में डर और उत्सुकता का मिश्रण था। जब राधिका आई, तो उसने अर्जुन की आँखों में सीधे देखा। | jigra story: jigra tere pyar ka |
अर्जुन, उसने धीरे से कहा, मैंने बहुत सोचा है, शायद हम दोनों के बीच प्यार की जो गहराई है, उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है, लेकिन मैं जानती हूँ कि तुम मेरे लिए हमेशा खड़े रहोगे, चाहे हालात कैसे भी हों।
अर्जुन ने उसकी आँखों में देखा और बोला, राधिका, मैं सिर्फ इतना जानता हूँ कि प्यार की कोई शर्त नहीं होती। मैं तुम्हारे साथ तब भी हूँ, जब तुम मेरे साथ नहीं हो।
राधिका का दिल पिघल चुका था, वह अर्जुन से दूर नहीं जाना चाहती थी, लेकिन उसके सामने उसकी परिवार की इज्जत और उसकी जिम्मेदारी थी। उसने अर्जुन से माफी मांगी और वापस जाने का फैसला किया।
अर्जुन ने उसे रोका नहीं, लेकिन उसके दिल में अभी भी वह उम्मीद थी उसे विश्वास दिला रहा था कि सच्चा प्यार कभी हार नहीं सकता।
शादी का दिन आया। सभी तैयारियाँ पूरी हो चुकी थीं, राधिका दुल्हन के जोड़े में बेहद खूबसूरत लग रही थी, लेकिन उसकी आँखों में खुशी नहीं थी। उसकी माँ ने भी यह बात महसूस की, लेकिन कुछ नहीं कहा। | jigra story: jigra tere pyar ka |
जैसे ही शादी की रस्में शुरू होने वाली थीं, अचानक एक बड़ी गाड़ी घर के बाहर रुकी, अंदर से राधिका के होने वाले ससुर उतरे और सीधा राधिका के पिता से मिलने पहुंचे, उन्होंने गंभीरता से कहा, मुझे माफ करें, लेकिन यह शादी नहीं हो सकती। मेरे बेटे की किसी और से पहले ही सगाई हो चुकी है, और यह हमसे एक गलती हुई है।
सभी लोग हक्के बक्के रह गए। राधिका के पिता ने कोई सवाल नहीं किया। उन्होंने शांत मन से इस खबर को सुना और शादी को रद्द करने का ऐलान कर दिया।
राधिका का दिल तेज़ी से धड़क रहा था, वह अर्जुन के बारे में सोच रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि यह अचानक कैसे हुआ। उसने अपने पिता से मिलकर अर्जुन का जिक्र किया।
उसके पिता ने उसकी बातें ध्यान से सुनी और पहली बार उसे उसकी मर्जी से शादी करने की इजाजत दी।
राधिका की खुशी की सीमा नहीं थी, वह तुरंत अर्जुन के पास पहुंची और उससे कहा, मैं जानती थी कि सच्चा प्यार कभी हार नहीं सकता। मैं तुम्हारे साथ पूरी जिंदगी बिताना चाहती हूँ।
अर्जुन की आँखों में आंसू थे, लेकिन दिल में संतोष था, उसने राधिका का हाथ थामकर कहा, मैंने तुम्हें खोने से ज्यादा तुम्हारे प्यार को समझा। अब हम साथ हैं, और हमेशा साथ रहेंगे। |🎀 Sweet Love Story 🎀|
समाप्त
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चा प्यार कभी हार नहीं मानता, जिगरा वही है जो प्रेम में मजबूती और धैर्य से खड़ा रहे। | jigra story: jigra tere pyar ka |
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ओंकार रॉय.