Pakistani love story hindi | पाकिस्तानी लव स्टोरी हिंदी |
तैमूर और अलीशा का रिश्ता बचपन से ही नोक झोंक और तकरार से भरा था, वे दोनों एक संयुक्त परिवार में पले बढ़े थे, जहां हर दिन उनके बीच झगड़ा होना आम बात थी, उनकी सोच और पसंद नापसंद बिल्कुल अलग थी, तैमूर को अगर कुछ पसंद आता तो अलीशा उसे नापसंद करती, और अगर अलीशा को कुछ पसंद होता, तो तैमूर उसे खारिज कर देता, यह सिलसिला बचपन से चल रहा था और अब तक जारी था.
अलीशा और तैमूर बचपन के कजन थे, लेकिन दोनों एक दूसरे को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे, अलीशा को पढ़ाई में रुचि थी और वह अपनी किताबों में खोई रहती थी, जबकि तैमूर एक शरारती लड़का था, जिसे खेल कूद और मस्ती का शौक था, तैमूर हमेशा अलीशा को चिढ़ाने का कोई न कोई तरीका ढूंढ लेता, अलीशा ने भी ठान रखा था कि तैमूर को उसकी शरारतों का करारा जवाब देगी.
उनकी झगड़ों की खबर पूरे परिवार में चर्चा का विषय बन जाती थी, कभी कभी उनकी लड़ाई इतनी बढ़ जाती कि दोनों के माता पिता को बीच बचाव करना पड़ता था, लेकिन अजीब बात यह थी कि इन झगड़ों के बावजूद, जब भी परिवार में कोई बाहरी समस्या आती, तो तैमूर और अलीशा साथ खड़े होकर उसका सामना करते.
तैमूर की मां जरीना बेगम हमेशा से चाहती थीं कि उनकी बहू अलीशा बने, जरीना बेगम का मानना था कि अलीशा को वह बचपन से जानती हैं और वह एक समझदार और सुलझी हुई लड़की है, उन्हें लगता था कि अलीशा उनके घर के लिए सबसे सही बहू साबित होगी, हालांकि उन्होंने कभी खुलकर यह बात किसी से नहीं कही लेकिन उनके दिल में यह इच्छा वर्षों से थी. | pakistani love story hindi | पाकिस्तानी लव स्टोरी हिंदी |
जब तैमूर और अलीशा बड़े हुए, तो जरीना बेगम ने अपने पति इमरान से इस बारे में बात की इमरान को भी यह रिश्ता अच्छा लगा, उन्होंने इसे अपने भाई और भाभी यानी अलीशा के माता पिता से साझा किया, शुरुआत में अलीशा की मां को यह प्रस्ताव अजीब लगा, उनका कहना था कि तैमूर और अलीशा के बीच इतना झगड़ा होता है कि वे कभी एक दूसरे के साथ खुश नहीं रह सकते.
इमरान और जरीना ने अलीशा के माता पिता को समझाने की कोशिश की उन्होंने कहा आजकल का जमाना बदल गया है, बाहर के लोगों पर भरोसा करना मुश्किल है, अगर हम अपनी बेटी का रिश्ता अपने घर में ही रखें, तो वह हमारी आंखों के सामने रहेगी और सुरक्षित महसूस करेगी.
यह तर्क सुनने के बाद अलीशा के माता पिता भी राजी हो गए, उन्होंने सोचा कि भले ही तैमूर और अलीशा के बीच झगड़े होते हों लेकिन समय के साथ उनके विचार बदल जाएंगे.
जब इस फैसले की जानकारी तैमूर और अलीशा को दी गई, तो दोनों चौंक गए, तैमूर ने गुस्से में कहा मैं कभी अलीशा से शादी नहीं करूंगा! वह तो मुझे हर समय चिढ़ाती रहती है, वहीं अलीशा ने भी गुस्से में जवाब दिया, मुझे भी तैमूर के साथ शादी नहीं करनी, वह तो मेरी हर बात का मजाक उड़ाता है.
लेकिन परिवार ने उनकी एक न सुनी दोनों को समझाया गया कि यह फैसला उनके भले के लिए है, तैमूर और अलीशा को मजबूरी में यह रिश्ता कबूल करना पड़ा. | pakistani love story hindi | पाकिस्तानी लव स्टोरी हिंदी |
तैमूर और अलीशा की शादी तय हो गई थी, दोनों अपनी अपनी जिंदगी में इस फैसले से नाराज़ थे, तैमूर को लगता था कि उसके साथ अन्याय हुआ है, और अलीशा को ऐसा महसूस हो रहा था कि उसकी स्वतंत्रता छीन ली गई है, लेकिन परिवार के दबाव और भावनात्मक तर्कों के आगे दोनों ने चुपचाप हामी भरनी पड़ी. | pakistani love story hindi | पाकिस्तानी लव स्टोरी हिंदी |
शादी के दिन सबकुछ धूमधाम से हुआ, अलीशा ने सुनहरी लहंगा पहना था, और तैमूर भी शेरवानी में खूब जंच रहा था, लेकिन उनके चेहरों पर मुस्कान की जगह एक अजीब सी अनमनी उदासी थी, दोनों की आंखों में हजारों सवाल थे, जो शायद एक दूसरे को ही समझाने थे.
शादी के बाद, दोनों का रिश्ता तनाव से भरा हुआ था, तैमूर को अलीशा के हर काम में खामियां दिखतीं, और अलीशा को तैमूर का स्वभाव बेहद सख्त लगता, छोटी छोटी बातों पर झगड़े होते, और घर का माहौल लगातार खराब रहता.
एक दिन अलीशा बीमार हो गई, तेज बुखार और कमजोरी के चलते वह बेहोश हो गई, तैमूर जो हमेशा उसे लेकर लापरवाह रहता था, पहली बार बेचैन हो गया, उसने तुरंत डॉक्टर को बुलाया और पूरी रात अलीशा के पास बैठा रहा, जब अलीशा को होश आया, तो उसने देखा कि तैमूर उसकी देखभाल कर रहा है, यह देखकर अलीशा के दिल में पहली बार तैमूर के लिए एक नरम भाव जागा.
इस घटना के बाद, तैमूर ने अलीशा के लिए छोटी छोटी चीजें करनी शुरू कीं कभी उसके लिए उसकी पसंद की चाय बना देता, तो कभी उसके पसंदीदा फूल लाकर देता, अलीशा भी तैमूर की कोशिशों को समझने लगी, उसने तैमूर के लिए उसके पसंदीदा पकवान बनाए और उसकी बातें ध्यान से सुननी शुरू कीं.
धीरे धीरे दोनों के बीच झगड़ों की जगह हल्की फुल्की बातचीत ने ले ली, तैमूर ने महसूस किया कि अलीशा की खामोशी उसके गुस्से का जवाब नहीं थी, बल्कि वह उसकी आदत थी, अलीशा ने भी समझा कि तैमूर का सख्त रवैया उसकी फिक्र और प्यार का ही एक रूप था. | pakistani love story hindi | पाकिस्तानी लव स्टोरी हिंदी |
एक शाम, जब दोनों घर की छत पर बैठे थे, तो अचानक तैमूर ने अलीशा से कहा,
तुम्हें पता है, बचपन में मैं सोचता था कि तुम सबसे ज्यादा बोरिंग इंसान हो, लेकिन अब मुझे समझ में आया कि तुम सबसे ज्यादा खास क्यू हो, कुकी पहले मेने कभी तुम्हे समझने की कोशिश नही की थी,
अलीशा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया,
और मुझे हमेशा लगता था कि तुम दुनिया के सबसे बड़े झगड़ालू हो, लेकिन अब समझ में आया कि तुम ही सिर्फ झगड़ालू नही थे, तुम्हारे साथ में भी उतनी ही झगड़ालू थी.
यह पहली बार था जब दोनों ने खुलकर अपनी भावनाएं एक दूसरे के सामने रखीं.
इसके बाद तैमूर और अलीशा का रिश्ता पूरी तरह बदल गया, उन्होंने एक दूसरे को समझने और स्वीकार करने की कोशिश की उनके झगड़े अब प्यार भरे तकरार में बदल गए, तैमूर ने अलीशा के सपनों को समझा और उसकी कला में उसकी मदद करने लगा, अलीशा ने भी तैमूर के काम में रुचि लेनी शुरू की.
अब वे दोनों एक ऐसी जोड़ी बन गए थे जो न सिर्फ एक दूसरे के साथ रहना पसंद करते थे, बल्कि एक दूसरे की ताकत भी बन गए थे.
तैमूर और अलीशा की कहानी यह साबित करती है कि प्यार केवल समानताओं में नहीं, बल्कि विरोधाभासों में भी पनप सकता है, जब दो लोग एक दूसरे को समझने और अपनाने की कोशिश करते हैं, तो हर रिश्ता खूबसूरत बन जाता है. | pakistani love story hindi | पाकिस्तानी लव स्टोरी हिंदी |👸🏻✨ Best Korean Love Story ✨🫅🏻|
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ओंकार रॉय.