"अश्मयुगीन युग" में पहला प्यार, यानी उस समय प्रेम की शुरुआत कैसे हुई होगी?

अश्मयुगीन प्रेम: जब शब्द नहीं थे, तब सिर्फ एहसास था |❣️🏚️🪽

अश्मयुगीन प्रेम: जब शब्द नहीं थे, तब सिर्फ एहसास था |❣️🏚️🪽

अश्मयुगीन युग में घने जंगल और ऊंचे पहाड़ और गुफाओं में बसे लोग, यह वह समय था जब इंसान पत्थरों से औजार बनाना और आग जलाना सीख रहा था, भाषा अभी विकसित नहीं हुई थी, और भावनाओं को व्यक्त करने का तरीका सिर्फ संकेत हाव भाव और छोटी छोटी ध्वनियां थीं, यह कहानी है आरक और मायरा की जिनकी प्रेमकहानी ने अश्मयुगीन युग में पहली बार दिल से दिल का कनेक्शन बनाया.

आरक एक बहादुर युवक था, जो शिकार में माहिर था, वह अपनी गुफा के अन्य लोगों का सहारा था, हर सुबह वह जंगल में शिकार के लिए निकलता और दिनभर मेहनत के बाद भोजन लेकर वापस लौटता था, मायरा पास के समुदाय की युवती थी, वह अपनी मुस्कान और चंचलता के लिए जानी जाती थी.

एक दिन जब आरक जंगल में हिरण का पीछा कर रहा था, उसकी नजर मायरा पर पड़ी वह झरने के पास पानी भर रही थी, उसके बालों से टपकते पानी की बूंदें सूरज की रोशनी में चमक रही थीं, आरक पहली बार ऐसा महसूस कर रहा था, जिसे वह समझ नहीं पा रहा था, उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा.

मायरा ने भी उसे देखा दोनों की आंखें मिलीं, लेकिन कोई शब्द नहीं बोले केवल उनकी आंखों ने बात की मायरा मुस्कुराई और आरक उसे देखता रह गया. | अश्मयुगीन प्रेम |

अश्मयुगीन प्रेम

यह बिना शब्दों का संवाद था, उस समय की भाषा हाव भाव और संकेतों पर समझती थी, आरक ने पहली बार किसी को देख कर ऐसा महसूस किया था, वह हर दिन मायरा को देखने के बहाने खोजने लगा. | अश्मयुगीन प्रेम |

एक दिन वह मायरा के पास पहुंचा और उसे एक चमकता हुआ पत्थर दिया, यह उसकी ओर से तोहफा था, मायरा ने पत्थर को लिया और उसकी तरफ देखकर मुस्कुराई, उसने भी अपने बालों से एक फूल निकालकर आरक को दे दिया, यह उनका बिना शब्दों का प्यार का पहला संवाद था.

आरक ने खुशी से पत्थर को अपने हार में पिरो लिया, वह इसे हर समय अपने गले में पहने रखता था, मायरा के लिए यह संकेत था कि वह हमेशा उसके करीब रहना चाहता है.

लेकिन यह प्रेम आसान नहीं था, उनके समुदायों के बीच अक्सर झगड़े होते थे, दोनों समुदाय अपने शिकार क्षेत्रों और पानी के स्रोतों को लेकर एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते थे, मायरा के पिता जो उसके समुदाय के मुखिया थे, उन्होंने उसे चेतावनी दी कि वह आरक से दूर रहे, पर मायरा ने अपने पिता जी की एक बात भी नही सुनी.

एक दिन जब मायरा और आरक नदी के पास मिले, मायरा ने अपने हाव भाव से बताया कि उनके मिलने में खतरा है, आरक ने इशारों में जवाब दिया, डरने की जरूरत नहीं, मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं. | अश्मयुगीन प्रेम |

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लेकिन उनकी मुलाकातों को देखकर उनके समुदाय के लोग नाराज होने लगे, मायरा के भाई ने उन्हें एक दिन गुफा के पास देख लिया और तुरंत अपने पिता को बताया. | अश्मयुगीन प्रेम |

आरक और मायरा को उनके समुदायों के सामने लाया गया, दोनों के रिश्ते को स्वीकार करने से इनकार कर दिया गया, मुखिया ने फैसला सुनाया कि उन्हें अलग कर दिया जाए, लेकिन आरक और मायरा ने हार मानने से इनकार कर दिया.

उस रात आरक ने मायरा को संकेतों के जरिए बुलाया, वह एक पत्थर पर दिल की आकृति बनाकर गुफा के बाहर छोड़ गया, मायरा इसे देखकर समझ गई कि वह उसे बुला रहा है.

दोनों ने जंगल में भागने का फैसला किया, वे जानते थे कि यह आसान नहीं होगा, लेकिन उनका प्यार इतना गहरा था कि उन्होंने सबकुछ दांव पर लगा दिया.

आरक और मायरा जंगल की गहराई में चले गए, वहा गए जहां कोई उन्हें ढूंढ न सके, वहां उन्होंने एक छोटी गुफा को अपना घर बना लिया, उन्होंने मिलकर शिकार करना, आग जलाना और जीवन को नए सिरे से जीना शुरू किया.

आरक ने मायरा के लिए एक हार बनाया, जिसमें उसने वह चमकता हुआ पत्थर पिरोया जो उसने पहली बार दिया था, मायरा ने भी आरक के लिए एक बेल से बना कंगन बनाया, ये उनके प्यार के प्रतीक थे. | अश्मयुगीन प्रेम |

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उनका जीवन कठिन था, लेकिन उनके बीच का प्रेम हर मुश्किल को आसान बना देता. | अश्मयुगीन प्रेम |

कुछ महीनों बाद, दोनों समुदायों के लोग उन्हें ढूंढते हुए जंगल में पहुंचे, उन्हें उम्मीद थी कि आरक और मायरा जंगल में जीवित नहीं रह पाए होंगे, लेकिन जब उन्होंने दोनों को साथ देखा खुश और सुरक्षित तो सभी हैरान रह गए.

आरक ने अपने हाव भाव से अपने समुदाय को समझाया कि उनका प्यार कोई अपराध नहीं है, उसने इशारों में बताया कि अगर दो लोग एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते, तो उन्हें अलग करना गलत है.

मायरा ने भी अपने समुदाय को समझाया कि प्रेम एक ऐसी भावना है जो दोनों समुदायों को जोड़ सकती है, धीरे धीरे दोनों समुदायों ने इसे समझा और उनकी प्रेमकहानी को स्वीकार कर लिया.

आरक ने अपनी गुफा की दीवारों पर चित्र बनाकर उनकी प्रेमकहानी दर्ज की उसने पत्थरों से खुदाई कर उनके मिलने संघर्ष करने और साथ रहने की कहानी उकेरी यह चित्र अश्मयुगीन युग के पहले प्रेम का प्रतीक बन गया.

यह कहानी दिखाती है कि प्रेम की भाषा को शब्दों की जरूरत नहीं होती, जब दिल सच्चा हो तो आंखों और हाव भाव से भी सच्चे प्यार को समझा जा सकता है, आरक और मायरा का प्रेम यह सिखाता है कि चाहे समय कितना ही कठिन अश्मयुगीन प्रेम आज भी उन पत्थरों में जिंदा है, जहां दो दिलों की अमर कहानी लिखी गई थी. | अश्मयुगीन प्रेम |🏕️ कैंपिंग लव स्टोरी इन हिंदी 🏕️ | अश्मयुगीन प्रेम |

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