“बातें कुछ अनकही सी” | baatein kuch ankahee si |
दानशुर, एक ऐसा नाम जो चोरों की दुनिया में प्रसिद्ध था, अपनी असाधारण चोरियों और अद्वितीय आदर्शों के कारण जाना जाता था। वह चोर था, लेकिन अनोखा चोर। उसने कभी भी गरीबों के घरों में चोरी नहीं की। उसके निशाने पर सिर्फ वे लोग होते थे जिनके पास बेईमानी का धन होता था। उसका दिल गरीबों और बेसहारा लोगों के लिए धड़कता था, इसलिए वह हर चोरी के बाद अपना सारा धन अनाथाश्रम में दान कर देता था।
दानशुर का अगला निशाना था देश के एक मशहूर राजनेता का घर। उसने सारी तैयारी कर ली थी। एक अंधेरी रात को, वह राजनेता के घर के पिछले गेट से अंदर आया। उसके पास नकली चाबी थी, जिससे उसने दरवाजा खोला और चुपचाप घर के अंदर घुस गया। उसने बिना कोई शोर किए तिजोरी के पास पहुंचा और उसे भी नकली चाबी से खोल दिया। तिजोरी में मौजूद सभी गहने और पैसे उसने अपने बैग में भर लिए।
सब कुछ योजना के अनुसार चल रहा था, लेकिन जब वह घर से निकल ही रहा था, तो अचानक उसका हाथ एक कांच के ग्लास से टकरा गया। ग्लास नीचे गिरकर टूट गया और आवाज गूंज उठी। उस आवाज ने राजनेता की बेटी नंदिनी को जगा दिया। नंदिनी ने आवाज सुनते ही पूछा, “वहां कौन है?”
दानशुर ने तुरंत वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन नंदिनी ने उसे देख लिया और उसका पीछा करने लगी। दानशुर अपने अड्डे पर पहुंच गया और चोरी के पैसे गिनने लगा। नंदिनी ने उसका पीछा करते हुए उसका ठिकाना ढूंढ़ लिया और वहां पहुंच गई।
नंदिनी ने आते ही दानशुर के पैर पर गोली चला दी। दानशुर दर्द से कराह उठा, और नंदिनी ने उसे वहीं बांध दिया। उसने दानशुर के पैर से गोली निकालकर उसका इलाज किया और फिर अपने घर लौट गई। “बातें कुछ अनकही सी” | baatein kuch ankahee si |
सुबह जब राजनेता और उनकी पत्नी उठे, तो उन्होंने देखा कि तिजोरी खुली हुई है और सारे गहने और पैसे गायब हैं। राजनेता ने तुरंत पुलिस को फोन किया और पुलिस घर पर आ गई। नंदिनी ने किसी को भी कुछ नहीं बताया और चुपचाप पुलिस की जांच देखती रही।
दोपहर को, नंदिनी वापस दानशुर के पास गई। उसने उससे पूछा, “तुमने हमारे घर चोरी क्यों की?”
दानशुर ने अपनी पूरी कहानी नंदिनी को बताई। उसने बताया कि कैसे वह सिर्फ उन लोगों के घरों में चोरी करता है जिनके पास काला धन होता है और वह धन अनाथाश्रम में दान कर देता है। पहले नंदिनी को उसकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि उसे लगता था कि उसके पिता बहुत अच्छे इंसान हैं। “बातें कुछ अनकही सी” | baatein kuch ankahee si |
नंदिनी को और अधिक जानने की जिज्ञासा हुई, इसलिए उसने अपनी मां से पूछा। उसकी मां ने उसे सच्चाई बताई कि उसके पिता के पास जो धन है, वह बेईमानी से कमाया हुआ है। यह जानकर नंदिनी का दिल टूट गया।
वह फिर से दानशुर के पास गई और इस बार उसके लिए खाना भी लेकर गई। उसने देखा कि दानशुर को उसने दो दिन से खाना नहीं दिया था। दानशुर ने नंदिनी को देखा और कहा, “तुम्हारा विश्वास जीतना मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी।”
नंदिनी ने कहा, “मैंने अपने पिता के बारे में सच्चाई जान ली है। अब मुझे समझ में आ गया है कि तुम जो कर रहे हो वह गलत नहीं है।”
दानशुर ने नंदिनी की आंखों में देखा और कहा, “मैंने कभी नहीं चाहा कि किसी को दुख पहुंचाऊं। मेरा उद्देश्य सिर्फ उन लोगों को सबक सिखाना है जो गरीबों का हक मारते हैं।” “बातें कुछ अनकही सी” | baatein kuch ankahee si |
नंदिनी ने दानशुर की आंखों में सच्चाई देखी और उसने उसके पैर की चोट की फिर से मरहम-पट्टी की। वह जानती थी कि दानशुर एक अलग तरह का चोर है, जो सिर्फ न्याय के लिए लड़ता है।
नंदिनी ने दानशुर को करीब से जानने की कोशिश की और उसे समझने लगी। धीरे-धीरे, दोनों के बीच एक नई भावना जन्म लेने लगी। दानशुर ने भी नंदिनी की परवाह और समझदारी को देखकर उसके प्रति एक अनोखी आत्मीयता महसूस की।
दानशुर ने नंदिनी के साथ अपने जीवन के सभी पहलुओं को साझा किया और नंदिनी ने भी अपने दिल की बातें उससे कीं। दोनों ने महसूस किया कि वे एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते। नंदिनी ने दानशुर के साथ मिलकर गरीबों की मदद करने का फैसला किया और अपनी जिंदगी को एक नए उद्देश्य के साथ जीने का संकल्प लिया।
एक दिन, दानशुर ने नंदिनी से कहा, “नंदिनी, तुमने मेरे जीवन को एक नया अर्थ दिया है। मैं तुम्हारे बिना अपनी जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकता। क्या तुम मेरी जिंदगी का हिस्सा बनोगी?”
नंदिनी ने बिना किसी झिझक के उत्तर दिया, “हाँ, दानशुर। मैं तुम्हारे साथ रहकर तुम्हारे आदर्शों को समझा और महसूस किया है। मैं तुम्हारे साथ पूरी जिंदगी बिताना चाहती हूँ।”
दोनों ने एक सादगी भरी शादी की और अपने जीवन को समाज की भलाई के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने मिलकर अनाथाश्रम और गरीबों की मदद के लिए काम करना शुरू किया। दानशुर और नंदिनी का प्यार और समर्पण लोगों के लिए एक मिसाल बन गया।
उनकी कहानी सिर्फ एक चोर और एक राजनेता की बेटी की नहीं थी, बल्कि एक ऐसे प्रेम और समझ की कहानी थी जिसने समाज को एक नई दिशा दिखाई। उन्होंने मिलकर एक नई दुनिया की ओर कदम बढ़ाया, जहां सत्य और न्याय का ही शासन था। “बातें कुछ अनकही सी” | baatein kuch ankahee si | love story in hindi
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ओंकार रॉय.